महाकुंभ में 50% फर्जी साधु बैठे; स्वामी आनंद स्वरूप का दावा, बोले- इन्हें बाहर निकाला जाए, ये भगवा चोले में भिखारी, हर्षा रिछारिया पर ये कहा?
MahaKumbh 50% Sadhus Fake Swami Anand Swaroop Harsha Richhariya Viral
MahaKumbh Harsha Richhariya: प्रयागराज का महाकुंभ जहां एक तरफ अपनी भव्यता और दिव्यता को लेकर खास चर्चा में है तो वहीं दूसरी तरफ महाकुंभ के इस पवित्र संगम के बीच से ऐसी कई तस्वीरें लगातार सामने आ रहीं हैं। जिनसे कहीं न कहीं महाकुंभ में व्याप्त आस्था और अध्यात्म पर गहरा असर पड़ता दिख रहा है। इस केंद्र में चाहें फिर साधु-संतों की मारपीट हो, गाली-गलौच हो या आईआईटी बाबा, हर्षा रिछारिया और आंखों से मशहूर होने वाली मोनालिसा जैसे कुछ चेहरे। जिन तक महाकुंभ सिमट कर रह गया है।
फिलहाल, इस सबके बीच महाकुंभ पहुंचे सांभवी पीठ के पीठाधीश्वर और काली सेना के प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप ने एक बड़ा दावा किया है। उन्होंने मीडिया चैनल पर लाइव बयान देते हुए कहा है कि, इस महाकुंभ में 50% फर्जी साधु बैठे हुए हैं। आएदिन महाकुंभ में तमाम भिखारी पकड़े जा रहे हैं। जो भगवा का चोला पहने तो घूम रहे हैं लेकिन उन्हें संतत्व का ज्ञान नहीं है। वे एक मंत्र तक नहीं जानते। उनके चलते जो असली साधु-संत हैं, उन्हें शर्मिंदा होना पड़ रहा है। हम चाहेंगे उनके ऊपर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद कार्रवाई करे। उनको कुम्भ से बाहर किया जाये. इस महाकुंभ में भले ही कम साधु-संत ही क्यों न रहें पर अच्छे रहें।
स्वामी आनंद स्वरूप ने आगे कहा कि, अगर मुझे कहीं भी गड़बड़ी लगेगी तो मैं जरूर विरोध करूंगा। उन्होंने कहा कि, महाकुंभ में रील के लिए नहीं रियल के लिए आना चाहिए। लेकिन अब स्थिति यह है कि, महाकुंभ में रीलबाजों के चलते आस्था और अध्यात्म का अपमान हो रहा है, महाकुंभ में यूट्यूबर्स माहौल खराब कर रहे हैं। वहां सोशल मीडिया रीलबाजों का तांडव चल रहा है। वह कुछ भी दिखा रहे हैं। वह उसी चीज को दिखाना चाहते हैं, जिनसे गलत संदेश जाता है।
वहीं सबसे सुंदर साध्वी के तौर पर वायरल हर्षा रिछारिया पर स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि, कोई भी व्यक्ति भगवा धारण करके सीधे साधु-संन्यासी नहीं बन सकता है। उसमें त्याग और अपनी एक परमपरा और प्रक्रिया है। अगर हम सिद्धांतों से समझौता करेंगे तो संतत्व और संन्यास दोनों परंपरा का नशा हो जाएगा। इसलिए अखाड़ों और साधु-संतों की प्रतिष्ठा बनी रहनी चाहिए। यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि इस प्रतिष्ठा पर किसी प्रकार का कलंक न लगे।
आनंद स्वरूप ने कहा कि, महाकुंभ छोड़ने का हर्षा का अपना फैसला था। हमने उसे महाकुंभ छोड़ने को नहीं कहा था। हमने बस समझाने का काम किया कि सिद्धांतों के विरुद्ध कुछ नहीं किया जाना चाहिए। पेशवाई में वह साधु-संतों के साथ रथ पर बैठीं और खुद की पहचान साध्वी के तौर पर जाहिर की। यह सही नहीं था। एक मॉडल को अन्य संतों के साथ अमृत स्नान में भाग नहीं लेना चाहिए और न ही ले सकती है। चूंकि अमृत स्नान के दिन उसने भगवा पहन रखा था। यह संत समुदाय के लिए अपमानजनक था, और हम निश्चित रूप से ऐसा होने से रोकेंगे।
हर्षा रिछारिया ने 'साध्वी' बनने पर क्या कहा?
हर्षा रिछारिया इवेंट होस्ट करने वाली और एक मॉडल हैं। महाकुंभ में चर्चा में आने से पहले वह अक्सर निरंजनी अखाड़े के आचार्या स्वामी कैलाशनन्द गिरी जी के साथ पूजा-पाठ में शामिल होती हुई नजर आती रहीं हैं। लेकिन महाकुंभ आने के बाद वह तब सेंसेशन बन गईं। जब वह अमृत स्नान के दिन साधु-संतों की पेशवाई में रथ पर बैठी दिखीं और मीडिया ने उनका इंटरव्यू 'सबसे सुंदर साध्वी' के तौर पर लिया। इसके बाद हर्षा रिछारिया को ‘दुनिया की सबसे खूबसूरत साध्वी’ का दर्जा मिलने लगा।
वहीं इस सबके बाद सोशल मीडिया पर हर्षा रिछारिया का नाम आग की तरह इस तरह फैला कि बवाल सा मच गया। इसके बाद हर्षा रिछारिया ने यह बयान जारी किया कि, मैं अभी साध्वी नहीं बनी हूं। हर्षा ने यह बताया कि उन्होंने अभी अपने गुरु से सिर्फ गुरु दीक्षा ली है। न कि संन्यास दीक्षा। बता दें कि, सोशल मीडिया पर लोगों के पीछे पड़ने और महाकुंभ में विरोध जताए जाने के बाद हर्षा रिछारिया को रोता हुआ भी देखा गया। हर्षा ने कहा था कि, वह महाकुंभ से जा रहीं हैं। एक लड़की सनातन को समझने और अपनी आस्था के लिए आई थी। लेकिन लोगों ने ऐसा नहीं होने दिया।